तन्हा-तन्हा, महफ़िल-महफ़िल, शहर-शहर, गली-गली...सफर दूर तक चलता रहा, फिर कही मंज़िल मिली...यही तो है सफरनामा,यही तो है जुस्तुजू ए आरज़ू
दिल में क़रार रहे न रहे "अरशद " लबों पे तबस्सुम बरक़रार रखिए || तबस्सुम= Smile तलब होती है हमें जब भी मुस्कुराने की तेरे तबस्...
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