सरे राह मोहब्बत का न यु इज़हार कीजिये
ठहरिये, सोचिये, थोड़ा इंतेज़ार कीजिये,
चलन है चाहत के नाम पर रहजनी का
रखिये जरा सब्र ना खुद को बेक़रार कीजिये,
कहने को तो हर दूसरा शख़्स है रांझा यहाँ
है हीर की कमी बहुत, खुद को खबरदार कीजिये,
हो उसूलो पे मोहब्बत तो बन जाये दास्ताँ
यु गिरा के ज़मीर न इश्क़ को शर्मसार कीजिये,
चमन का हर फूल होता नही खराब "अरशद"
हुज़ूर इस शहर से मत खुद को बेज़ार कीजिये|
©arshad ali
ठहरिये, सोचिये, थोड़ा इंतेज़ार कीजिये,
चलन है चाहत के नाम पर रहजनी का
रखिये जरा सब्र ना खुद को बेक़रार कीजिये,
कहने को तो हर दूसरा शख़्स है रांझा यहाँ
है हीर की कमी बहुत, खुद को खबरदार कीजिये,
हो उसूलो पे मोहब्बत तो बन जाये दास्ताँ
यु गिरा के ज़मीर न इश्क़ को शर्मसार कीजिये,
चमन का हर फूल होता नही खराब "अरशद"
हुज़ूर इस शहर से मत खुद को बेज़ार कीजिये|
©arshad ali
No comments:
Post a Comment